Sonigara's Chouhan
Thursday, February 2, 2012
Thursday, May 7, 2009
सोनीगरा Chouhan
The last prominent Rajput state Rajasthan reduced by Alauddin was chauhan Khanhadadeva sonigara’s kingdom of Jalore. The first penetration of the Khalji forces into Jalore was conducted as early as the third year of Sultans ‘reign. The object, however, was the invasion of Gujarat. On their return march from Gujarat, there was a serious uprising in the Muslim army near Jalore over the issue of distribution of one – fifth of the spoils. Many rebellious Muslims, when hard pressed, fled to join the adjoining Rais and Ranas.
Kanhadadeva sonigara’s independent existence and hostile attitude attracted the attention of the Sultan in 1305 when Delhi troops marched towards Jalore and besieged the fortress. The Kanhadadevaprabandha and other Rajput accounts mentions in detail the defense preparations carried on by the Sonigaras. The garrison was subjected to starvation and utmost misery. Flames of Jauhar rose high in which Sonigara queens consigned themselves. Kanhadadeva sonigara came out of the fortress and died fighting against the Imperial forces in 1311-12 A.D.
Clans of Sonigara Chouhan
1 Maansinghot Sonigara
2 Bhansinghot Sonigara
3 Roopsinghot सोनीगरा
The great village of Songara Chauhan
Gura सोनीगरा, बोया, , केनपुरा, धनि,गरवर, दयालपुरा, बाला
Monday, September 8, 2008
प्रथ्वीराज चौहान
मान और सम्मान देष का हम से वतन की आन और शान
हम पृथ्वी पर राज करेंगे पृथ्वीराज की हम संतान--
हम चौहान! हम चौहान !!
किसी को मान है एक ओर का, किसी को दो या तीन का मान
हमें मान चहुँ ओर का मिला, तब कहलाये हम चौहान !
हम चौहान! हम चौहान !!
मूल वास अहिछत्रपुरी और वासुदेव की हम संतान
सकल मही के चप्पे-चप्पे पर चस्पां अपना बलिदान
हम चौहान ! हम चौहान !!
निर्भयता, वीरता, त्याग और खुद्दारी अपनी पहचान
बच्चा-बच्चा देष के लिए खडा हथेली पर ले जान
हम चौहान ! हम चौहान !!
पृथ्वी ने था लाल लहू से लिखा एक इतिहास महान
है संकल्प रचेंगे हम भी नये दौर का नया विधान
हम चौहान ! हम चौहान !!
आओ यह संकल्प करें हम सभी रुढियाँ तोडेंगे
काले घडे कुसंस्काराें के हम षिक्षा से फोडेंगे
आपस के सब भेद मिटा सारे समाज को जोडेंगे
दारु-भांग-अफीम-जुआ-सिगरेट नषे सब छोडेंगे
बेटे के संग बेटी को भी हम जरुर पढवायेंगे
नहीं करेंगे बाल विवाह, विधवा विवाह करवायेंगे
मेहनत और ईमान की ध्वजा हम घर-घर फहरायेंगे
हम विकास और ज्ञान की पावन गंगा यहां बहायेंगे
चमत्कार हम दिखलायेंगे, देखेगा हो चकित जहान
दृढ निष्चय के वीरप्रती हम, दृढप्रतिज्ञ हिमश्रृंग सामान
हम चौहान ! हम चौहान !!